रोज की लड़ाइयाँ, कुछ दे नही रही, हर रोज लड़ती हूँ, लगता है कल कुछ तो बदलेगा, पर... सुबह सूरज वही, लड़ाई वही, लोग वही, मानो मेरे तरीके सही नही, हर बार वहीं खड़ी पाती हूँ, जहां शुरू किया था खुद को, हर रोज लड़ती हूँ बस जीत नही पा रही, - शिवानी #पेट्रिआर्कीसेलड़ाई #फेमिनिस्ट #bebold