White ग़म उदासियों का न लिखे तो मर जाएं क्या इश्क़ में बिछड़ जाएं तो कहीं मर जाएं क्या अभी शज़र का सूखना बाक़ी है कमल तबतक किसी का घरोंदा न सजाएं क्या ये तो दस्तूर है दुनियां का सदियों से वो न मिले तो काम धंधों से जाएं क्या कह देना आसान है के भूल जाओ उसे बिना पर के परिंदे बन उड़ जाएं क्या वो करता है करने दो बातें चाहे जिससे हम भी लिहाज़ छोड़ बेशर्म बन जाएं क्या ©Kamal Kant #alone_quotes #Shayari #Broken #alone #thought #feelings #gajal शायरी