मेरी जिंदगी में भी कभी खुशीयौं का मेला था। इन आँखों में भी किसी का चेहरा था। पर अपनी भी किस्मत ने ऐसी पलटी खाई। जिसे चहा उसी से ठोकार खाई।।। pramod sharma i Het