एक सुकुन सा है इस शहर की हवामे कोई अपना सा है इस शहर की फिजाओ मे बारिश की बूँद भी यहा हलके से गिरती है। मेरी माँ का आशियाना हे इस शहर मे हवा यहा जरा हलके चलती है मेरे बचपन का झूला है इस शहर मे और मेरी गली के एक छोर पर बना है उसका घर उस छज्जे की याद है इस शहर मे #MeraShehar ❤️❤️