आ चल आसमान पे कूदें, उछल के फिर चाँद को तोडें बादलों पे गिरें तो बूदों पे फसलें, उनके साथ उतर, जमीन को चूमें पकड़ मेरा हाथ, चल तितलियों पे बैठें, फूलों के रस को हम भी चूसें, भर के उसे मुंह में अपने ,