मेरे ही घर में मेरी आवाज़ को दबाया जा रहा है बन्द है मुट्ठी फिर भी नाम लिखाया जा रहा है किसको सुनाए अपनी दास्तां 'रवि' कोई है तो नहीं अखबारों ने भी वही लिखा है जो लिखाया जा रहा है