ए कुदरत तेरी मूक मार के आगे हँसना भूल गये, एकता में ही बल है,कैसी ये दूरी के असूल आ गये। 🎀 हँसना भूल गए 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-421) "भावनाओं की धज्जियाँ" को जीतने के लिए "हँसना भूल गए" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 🎀 3 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 🎀 काॅमेंट में भी "हँसना भूल गए" ही काॅमेंट करना है।