ओस की बूँदों सी वो अक्सर मेरे जेहन में ठहर जाती है और उसकी आँखों में उतर कर धूप धनक सी शाद होती है एक नायाब मोती सी वो झक सफ़ेद और साफ़ केदारनाथ के पहाड़ों की तरह अपने अंदर ना जाने कितना अध्यात्म समेटे है कि जब पिघलती है तो गंगा हो जाती है एक दुआ सी वो क़ुरान की आयतों में लिखी मरियम की कहानी सी पाकीज़ा किसी आइने पर चढ़े चाँदी की तरह बस सच बोलती है @ दिल से वो ©Mo k sh K an #mikyupikyu #nid #mokshkan