बेचैन होकर तड़पता रहता है दिल, सांसे भी हो रही हैं अब मद्धम। तेरे बिन तन्हा सी रातें हैं, कैसे जीयें हम तुम ही बता दो मेरे सनम। यादें तुम्हारी सताती रहती हैं हमको, दिन-रात याद आते हो हमको। कटता है ना मेरा अब कोई भी लम्हा, कैसे बितायें जिंदगी हम सनम। आ करके हमको तुम पूरा कर दो, झोली हमारी खुशियों से भर दो। कहकशां-ए-इश्क जमीं पर दिखा दो, हमारी दुनियां को जन्नत कर दो। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-93 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6-8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।