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“बचपन में एक रुपए का सिक्का निगल गया था,मा ने गले

“बचपन में एक रुपए का सिक्का निगल गया था,मा ने गले से सिक्का निकालकर जिंदगी बचाई थी।
आज सिक्को में फसी जिंदगी से जिंदगी निकालकर ना जाने क्यों मैं सिक्के बचा रहा हूं।
खुशियों से कमाएं पैसे और पैसे से कमाई खुशियों का जब भी मैं औसत निकाल रहा हूं,ना जाने क्यों हर हिसाब में मै पैसे ज्यादा और खुशियां कम पा रहा हूं।
ना जाने क्यों मै सिक्को में फसी जिंदगी से जिंदगी निकालकर मैं सिक्के बचा रहा हूं।” सिक्के,जिंदगी और औसत।
#ConflictsofLife
“बचपन में एक रुपए का सिक्का निगल गया था,मा ने गले से सिक्का निकालकर जिंदगी बचाई थी।
आज सिक्को में फसी जिंदगी से जिंदगी निकालकर ना जाने क्यों मैं सिक्के बचा रहा हूं।
खुशियों से कमाएं पैसे और पैसे से कमाई खुशियों का जब भी मैं औसत निकाल रहा हूं,ना जाने क्यों हर हिसाब में मै पैसे ज्यादा और खुशियां कम पा रहा हूं।
ना जाने क्यों मै सिक्को में फसी जिंदगी से जिंदगी निकालकर मैं सिक्के बचा रहा हूं।” सिक्के,जिंदगी और औसत।
#ConflictsofLife