नेता जी आपका आह्वाहन तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूंगा यह नारा आपकी विचारधारा को स्पष्ट करता है इस विचारधारा में जय हिंद की आत्मा भरी देश,विदेश में स्वतंत्रता की विचारधारा ने कहा,दिल्ली चलो आपके विचारधारा को ग्यारह अन्य राष्ट्र ने समानांतर सरकार की राजनीतिक मान्यता दी आपके कलम में इस विचारधारा का जनक था आपने केवल इस विचारधारा के बीज के पोषण,निर्वहन के लिए ना केवल सुसज्जित पद छोड़ा, अपितु आपने अपने अंदर विवेकानन्द जी को बचाये रखा श्री विचारधारा का भारत में पहना रूप और दर्शन नेता जी,आपके सम्बोधन के अनुसार राष्ट्रपिता,(कवि के सम्बोधन के अनुसार महात्मा,तत्कालीन भारतीय जनता के सम्बोधन अनुसार,ऑक्सीजन और तत्कालीन साम्राज्यवाद प्रशासक के सम्बोधन के अनुसार,मुख्य बाधा,) गांधी जी ने किया,सौजन्य,आपका उनके प्रति भाव असहयोग आंदोलन का दौर और आपकी विचारधारा आपकी क्षेत्रीय भूमिका और ये विचारधारा युग हिला देने वाले कांडों के बाद यह विचारधारा सहज क्रन्तिकारी खून के विरोधाभाष की विचारधारा आपके विशुद्ध देशभक्ति की विचारधारा अपनी नियति को प्राप्त हुई ये जिंदगी है कौम की,कौम पर लुटाये जा,यथार्थ हुआ संवाद तंत्र से,दूर क्षितिज से,आशीर्वाद पा कर आप अमर हो गए! धन्य आप!कि आपको अलौकिक माता प्रभावती माता जी से माध्यम संदेश मिला यह विचारधारा वो पंक्तियाँ थीं "पुत्र,आपने यह पद छोड़कर अच्छा किया " नेता जी आपका आह्वाहन तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हें आजादी दूंगा यह नारा आपकी विचारधारा को स्पष्ट करता है