ख्यालों की दुनिया कुछ यूँ महकती रहे, देखो बैरी सांझ भी तेरा रूप धारे हुए, आ अब लौट चलें बिना तुम्हारे अधूरे से, छिपता सूरज हमारे मिलने को राज़ी रहे। ♥️ आ अब लौट चलें ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें। ♥️ कोलाब करने के बाद "Done" काॅमेंट करें।