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हम परशुराम के वंशज हैं यदि धैर्य हमारा डोल गया। मह

हम परशुराम के वंशज हैं यदि धैर्य हमारा डोल गया।
महादेव का दिया हुआ यह कठिन कुठारा बोल गया।
तो सुनो ध्यान से पृथ्वी को दुष्टों से खाली पाओगे।
इतनी लाशें गिरेगी तुम कंकाल नहीं गिन पाओगे।
उम्मीद मेरी मिट जाये तुम उससे पहलें कुछ काम करों।
जिसने संतों को मारा है तुम उसका काम तमाम करों।
पहलें पालघर में अब उत्तर प्रदेश में मार दिया।
क्यों भगवा के घर में ही यूं भगवा को दुत्कार दिया।
हे योगी बाबा संत हो तुम संतों का मान बढ़ाओ अब।
बढ़ रहा होसला दुष्टों का दुष्टों का शीश झुकाओ अब।
जो भी पापी हत्यारे है सबको फांसी चढ़वा दो।
ला कर बीच बजार में उनकों सूली पर तुम टंगवा दो।
काल  के मूहँ में खड़े हो क्यूँ  काल को बुलाते हो।
बरसों से सोया हुआ हूँ फिर क्यूँ मुझको आज जगाते हो। 
नहीं हमारी बात सुनोगे तो अनर्थ हो जायेगा।
यदि हमनें शस्त्र उठाया तो फिर कोई नहीं बच पायेगा।
अजय कुमार व्दिवेदी #अजयकुमारव्दिवेदी हम परशुराम के वंशज हैं।
हम परशुराम के वंशज हैं यदि धैर्य हमारा डोल गया।
महादेव का दिया हुआ यह कठिन कुठारा बोल गया।
तो सुनो ध्यान से पृथ्वी को दुष्टों से खाली पाओगे।
इतनी लाशें गिरेगी तुम कंकाल नहीं गिन पाओगे।
उम्मीद मेरी मिट जाये तुम उससे पहलें कुछ काम करों।
जिसने संतों को मारा है तुम उसका काम तमाम करों।
पहलें पालघर में अब उत्तर प्रदेश में मार दिया।
क्यों भगवा के घर में ही यूं भगवा को दुत्कार दिया।
हे योगी बाबा संत हो तुम संतों का मान बढ़ाओ अब।
बढ़ रहा होसला दुष्टों का दुष्टों का शीश झुकाओ अब।
जो भी पापी हत्यारे है सबको फांसी चढ़वा दो।
ला कर बीच बजार में उनकों सूली पर तुम टंगवा दो।
काल  के मूहँ में खड़े हो क्यूँ  काल को बुलाते हो।
बरसों से सोया हुआ हूँ फिर क्यूँ मुझको आज जगाते हो। 
नहीं हमारी बात सुनोगे तो अनर्थ हो जायेगा।
यदि हमनें शस्त्र उठाया तो फिर कोई नहीं बच पायेगा।
अजय कुमार व्दिवेदी #अजयकुमारव्दिवेदी हम परशुराम के वंशज हैं।