दोषों से घिरा मेरा कल मुफलिसी की मोहब्बत परवाह नहीं होती मतलब से कह देने से कोई किसी की जान नहीं होती यूं ही जी रहे हैं तेरी यादों के सहारे हम भी मोहब्बत करते हैं आपने की तो क्या मोहब्बत एहसान नहीं होती ✍योगेश डागला #Doshi