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वो सूरज की तरह आग उगलते रहे, हम मुसाफिर सफ़र पे

वो सूरज की तरह आग उगलते रहे,  
हम मुसाफिर सफ़र पे ही चलते रहे,  
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था,  
हम सारी रात करवट बदलते रहे। Avi writer ✍️
वो सूरज की तरह आग उगलते रहे,  
हम मुसाफिर सफ़र पे ही चलते रहे,  
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था,  
हम सारी रात करवट बदलते रहे। Avi writer ✍️
avirajrana2959

avi raj rana

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