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ना कंगन मिले तेरे लायक शहर में ना मिल सका गलियों म

ना कंगन मिले तेरे लायक शहर में
ना मिल सका गलियों में दुपट्टा ही कोई
भटकता रहा दोपहर की गर्मियों में कोई 
इसी को कहता है ज़माना मोहोब्बत शायद,,
तू खुद हीरा है तुझे जेवर की क्या जरूरत,,
तुझे देख कर तो हर कोई चिढ़ रहा है,,

©Vickram
  तू नायाब हीरा है मेरी
 जिंदगी का,,
vickram4195

Vickram

Silver Star
New Creator

तू नायाब हीरा है मेरी जिंदगी का,, #शायरी

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