बिन बुलाये बिन बताये हो जाता है है ये इश्क़ कभी मीठा शहद सा लुभाता है ये इश्क़ बीमार कर दे हक़ीम को भी ये इश्क़ कभी कड़वी दवा सा सताता है ये इश्क़ मुश्क सा महकता है खुली हवा मे चहकता है कमबख़्त कुछ भी तो नहीं छुपाता ये इश्क़ बाज़ार मे चलते है जिसके सिक्के नाम से उसको भी उंगलियों पे नचाता ये इश्क़ रातो को जगाये कभी सवेरे उठाये कैसे बताऊ तुमको क्या क्या कराता है ये इश्क़ सुनता किसी की नहीं चलो माना कान नहीं इसके जुबां भी तो नहीं फिर बाते बहुत बनाता है ये इश्क़ बहुत को विद्द्वान बना दिया इसने ये सच है बहुत को निकम्मा बनाता है ये इश्क़ बिन बुलाये बिन बताये हो जाता है ये इश्क़ #love #ishq #Nojoto #quotes #poetry #kalakaksh