जो भीग रही थी ये आखें पिछले कुछ अरसे से आज सावन की फुहारों ने भी इन्हें भिगोया है... पूछकर बूंदों ने मूझसे ये सवाल कि किस जालिम ने इन आँखों में मोती बोया है... कम नहीं होता दर्द मेरे दिल का जो जख्म उन्होंने पिरोया है... एक दिन सूख जाएगा आखों से उनकी यादों का दरिया जिसने आज कोरे कागज़ को भिगोया है...! कम नहीं होता दर्द मेरे दिल का जो जख्म उन्होंने पिरोया है... #yqquotes #yqpictures #JyotiRana