यादें बनकर ही सही पर ख़्वाब में तो आए!! खो गए थे कुछ पल के लिए! न जाने तुम कहाँ सना हो तुम मेरी हँसी जिंदगी की!! दूर से ही सही पर सामने तो आए!! बनकर जान मेरे शब्दों की आज मेरी लेखनी पर छाए!! यादें बनकर ही सही पर ख़्वाब में तो आए!! ©Deepak Bisht #सना-ए-इश्क़