मुख़्तसर भी डगमगाते नही पैर हमारे, जहाँ कदम कदम पर शबाब हैं, मत इतराओ अपने हुस्न पर इतना, आपसे भी हसीन हमारे ख़्वाब हैं। तो क्या हो गया जो हमारे पास आपके, हर सवाल का ना ही जवाब हैं, ज़रा अदब से पेश आइये हुज़ूर, हम भी अपने जहा के नवाब हैं। #Navaab