Nojoto: Largest Storytelling Platform

बात बहुत पुरानी हो मगर जख्म आज भी ताजे हैं वर्णन म

बात बहुत पुरानी हो मगर जख्म आज भी ताजे हैं
वर्णन मात्र से ही उस घटना का आज भी हर रूह कांपे  है
एक भयावह तांडव था वह,प्रकृति का इंसानों पर
मानो सचेत कर रही हो वह अपना रौद्र रूप दिखाकर
मानो दिखा रही हो वह परिणाम हर एक मानवीय छेड़छाड़ का
जिसके परिणाम आज तक देख रहा संसार और भुगत रहा  इंसान है
उस घटना में खोया किसी का परिवार तो बिखरा किसी का संसार था
 अलग-थलग पड़ा था इंसान कुछ ऐसा प्रकृति का वह मंजर था
उसे देवताओं का रोष कहो या इंसानों का दोष,
 उस घटना ने थोपा हर एक तबके के व्यक्ति पर आपदा का ऐसा खंजर था
निर्दोषों के खून से कहो या प्रकृति के आंसुओं,से लिखी गई वह एक ऐसी गाथा थी, जिसे पढ़कर कभी-कभी लगता है मानो इंसानों के कर्म ही हम पर परदा फेरे हैं
कितना ही कुछ क्यों ना बदल जाए पर आज भी उस घटना का डर लोगों के दिलों में है बसाए डेरे है #उत्तराखंड #disaster
बात बहुत पुरानी हो मगर जख्म आज भी ताजे हैं
वर्णन मात्र से ही उस घटना का आज भी हर रूह कांपे  है
एक भयावह तांडव था वह,प्रकृति का इंसानों पर
मानो सचेत कर रही हो वह अपना रौद्र रूप दिखाकर
मानो दिखा रही हो वह परिणाम हर एक मानवीय छेड़छाड़ का
जिसके परिणाम आज तक देख रहा संसार और भुगत रहा  इंसान है
उस घटना में खोया किसी का परिवार तो बिखरा किसी का संसार था
 अलग-थलग पड़ा था इंसान कुछ ऐसा प्रकृति का वह मंजर था
उसे देवताओं का रोष कहो या इंसानों का दोष,
 उस घटना ने थोपा हर एक तबके के व्यक्ति पर आपदा का ऐसा खंजर था
निर्दोषों के खून से कहो या प्रकृति के आंसुओं,से लिखी गई वह एक ऐसी गाथा थी, जिसे पढ़कर कभी-कभी लगता है मानो इंसानों के कर्म ही हम पर परदा फेरे हैं
कितना ही कुछ क्यों ना बदल जाए पर आज भी उस घटना का डर लोगों के दिलों में है बसाए डेरे है #उत्तराखंड #disaster