पलायन पकड़ मज़बूत थी जिनकी वह सब शाखों पर रह गए पर जो रुखसत हुए शज़र से वह कमज़ोर नहीं थे वह जो जड़ो को सींचते रहे ताउम्र शज़र की रुख़्सती की इस भीड़ में कुछ लोग वही थे #अरविंदठाकोर #Poetry #Life #thoughts #migration #exodus #पलायन #कविता