वक़्त जिस दिन मेहरबाँ हो जाएगा, ज़र्रा ज़र्रा आसमाँ हो जाएगा, गम न कर ग़ुरबत का राही रात-दिन, क्या पता कब?कहकशाँ हो जाएगा, बेझिझक अपने दिलों में झाँक ले, बदजुबाँ कब बेज़ुबाँ हो जाएगा, दोस्ती में भूल मत जाना उसूल, ब-तकल्लुफ़ खामखा हो जाएगा, प्यार में चलती नहीं चालाकियाँ, 'जी नहीं' भी 'हाँ जी हाँ' हो जाएगा, डोर है नाज़ुक बड़ी विश्वास की, बेऱुखी से बदगुमाँ हो जाएगा, अपनी मिहनत पर भरोसा है अगर, हमसफ़र भी हम-नवा हो जाएगा, हृदय से करते रहो इमदाद 'गुंजन', ख़ुद-ब-ख़ुद ही कारवाँ हो जाएगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #मेहरबाँ हो जाएगा#