निःस्वार्थ प्रेम मूर्ती, हो वतस्ला तुम्ही, तेरे चरणों में वंदना, नहीं मेरी माँ सा कहीं। निःस्वार्थ प्रेम ................ अपने दर्द को छूपाके, ममता बिखेरी, तू है सबसे ऊपर , जमाना नहीं , निःस्वार्थ प्रेम ................ क्या हीरे क्या मोती, क्या धन और दौलत, तेरे वात्सल्य के आंगे, कुछ भी नहीं । निःस्वार्थ प्रेम ................ तेरा साया मुझपर, बनाये रहना सदा, तेरी ममता की छाया , कम हो न कभी। निःस्वार्थ प्रेम ................ HAPPY MOTHERS DAY