ना जाने कितने अरमान दब गये है सीने मे,, अब तक कोई कमी है कहीं मेरे जीने मे,, वो दिन काटे नहीं कटता है हमसे साहब,, इक ऐसी तारीख़ भी आती है हर महीने मे,, इश्क़ के मोहताज़ हम इश्क़ मागने गये,, ना मेरी रब ने सुनी ना खुदा मिला मदीने मे,, ©विमल कुमार अग्निहोत्री #brockenheart #SAD #Shayari #विमल #Walk