सोम रस से भरा है कंठ हिम शोभित शीश है , मस्तक बसे त्रिनेत्र हस्त शोभित त्रिशूल है , देव , असुर सब द्वार खड़े करते यही पुकार एक बार तो कृपा करो बाबा , भोले त्रिपुरार ! ! शिव प्रार्थना 🙏