If I were child again तिनके -तिनके में बिखरते चले गए तन्हाई की गहराइयों में उतरते चले गए होता था हर शाम जिन दोस्तो के नाम वो ब एक एक कर बिछड़ते चले गए ©nirupama pandey #Childwithin