सुबह से शाम तक किसी का सिर्फ एक काम है हाँ मे जिक्र कर रहा हू बनिया से लेकर, हर इंसान को बिजी रखे दुकानदारी इसी का नाम है!! देहाडी ना होती हो तो धर्म पर ध्यान जाता हो कस्टमर ही भगवान हो, ऐसा भगवान से तेरा कैसा नाता हो दुकान को दूसरा घर कहे, दुकानदार का यहीं प्रमाण है बेरोज़गारी मे रोजगार सही, दुकानदारी इसी का नाम है!! माना तेरा एक क्लास जेसा रूटीन सा बन गया हो मोस्ट ऑफ़ टाइम तेरा, एक जगह गुजर सा गया हो 5*5,inch जमीन को जो तुम दुकान का नाम दे रहे हों आजीवन सहारा है तुम उसे दूसरे घर का नाम दे रहे हों शायद सैम जगह बोरियत सी होती होगी क्या उस दुकानदार को यह बात मेहसूस नहीं होती होगी क्या उसके सपनों मे वही 20 साल वाली जवानी नही आती होगी या फिर वही जगह, वही शाम उसके मन को नहीं चुभती होगी वो भी क्या करे बेरोज़गारी हसी जिंदगी तो नही दे सकती काम पैरों पर खड़ा रहने का हो या बैठा रहने का, बिना रोज़गार के जिंदगी चल भी तो नहीं सकती! इस संसार सागर मे सबका अपना कुछ ना कुछ काम है बेरोज़गारी मे रोजगार सही, दुकानदारी इसी का नाम है!! बेरोज़गारी मे रोजगार सही, दुकानदारी इसी का नाम है!!