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ताज्जुब नहीं करना अब अगर इस पीढ़ी की बच्चियां भीड

ताज्जुब नहीं करना अब
अगर इस पीढ़ी की बच्चियां 
भीड़ से डरने लगें
जहां देखें वो कोई पुरुष
हनुमान चालीसा या कलमा पढ़ने लगे
सहमी सहमी सी रहे हर पल 
अपनों को भी खुद से दूर करने लगे
ताज्जुब नहीं करना अब
अगर इस पीढ़ी की बच्चियां
उम्र से पहले 'कुछ'सवाल करने लगे
परखने लगे आंखों से हवस
ख़ुद के पर कतरने लगे
बंद करने लगे खुद को चार दिवारी में
अपने सपनों के पर कतरने लगे
खोने लगे उनकी हंसी की खनक
रुह उनकी सड़ने लगे।

©खामोशी और दस्तक #मणिपुर
ताज्जुब नहीं करना अब
अगर इस पीढ़ी की बच्चियां 
भीड़ से डरने लगें
जहां देखें वो कोई पुरुष
हनुमान चालीसा या कलमा पढ़ने लगे
सहमी सहमी सी रहे हर पल 
अपनों को भी खुद से दूर करने लगे
ताज्जुब नहीं करना अब
अगर इस पीढ़ी की बच्चियां
उम्र से पहले 'कुछ'सवाल करने लगे
परखने लगे आंखों से हवस
ख़ुद के पर कतरने लगे
बंद करने लगे खुद को चार दिवारी में
अपने सपनों के पर कतरने लगे
खोने लगे उनकी हंसी की खनक
रुह उनकी सड़ने लगे।

©खामोशी और दस्तक #मणिपुर