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रूह की गहराईयों में, सुकून का जहाँ है, वहां कोई ह

रूह की गहराईयों में, सुकून का जहाँ है, 
वहां कोई हलचल नहीं, बस ख़ामोशियाँ हैं।

जैसे सागर की लहरें, किनारे से मिलतीं,
 रूह की तरंगें, अनंत में खो जातीं।

बाहरी दुनिया के शोर में, अक्सर गुम हो जाती
, पर अंदर की आवाज़, सदा हमें बुलाती।

चाहे आँधियाँ आएं, या हो धूप-छांव, 
रूह के सफ़र में, बस है इश्क़ का नाव।

जो इसे समझे, वह अमरता पा ले, 
जो इसे न समझे, वह भ्रम में जा ले।

रूह का ये रिश्ता, दिल से गहरा है, 
यह अनंत की ओर बढ़ता, हर पल ठहरा है।

तो सुनो उस रूह की आवाज़ को तुम, 
वो सच है, जो है ख़ुदा का दर्पण!

©aditi the writer #रूह  Kumar Shaurya  vineetapanchal  आगाज़  Niaz (Harf)  Da "Divya Tyagi"
रूह की गहराईयों में, सुकून का जहाँ है, 
वहां कोई हलचल नहीं, बस ख़ामोशियाँ हैं।

जैसे सागर की लहरें, किनारे से मिलतीं,
 रूह की तरंगें, अनंत में खो जातीं।

बाहरी दुनिया के शोर में, अक्सर गुम हो जाती
, पर अंदर की आवाज़, सदा हमें बुलाती।

चाहे आँधियाँ आएं, या हो धूप-छांव, 
रूह के सफ़र में, बस है इश्क़ का नाव।

जो इसे समझे, वह अमरता पा ले, 
जो इसे न समझे, वह भ्रम में जा ले।

रूह का ये रिश्ता, दिल से गहरा है, 
यह अनंत की ओर बढ़ता, हर पल ठहरा है।

तो सुनो उस रूह की आवाज़ को तुम, 
वो सच है, जो है ख़ुदा का दर्पण!

©aditi the writer #रूह  Kumar Shaurya  vineetapanchal  आगाज़  Niaz (Harf)  Da "Divya Tyagi"