भरे महफ़िल की वाहवाही लूट लूँ,वो 'कविता' नहीं मैं हँसी के फुहारों से लोगों को भीगो दूँ वो 'कविता' नहीं मैं, दर्द भरे लम्हों को शब्दों में भर पिरो दूँ वो भी नहीं मैं, बल्कि- अपने जज्बात परोस कर सभी के मन को तृप्त कर जाऊँ, वो 'कविता' हूँ मैं, कवि के अंतर्मन की गुफ़्तगू से अहसासों की ध्वनि बन जाऊँ, वो 'कविता' हूँ मैं, सहज सरल सी दिल की बात लिखकर दिलों को छू जाऊँ, वो "कविता" हूँ मैं #KavitaHoonMain #कविता #कविताएँज़िंदारहतीहैं #poem #worldpoetryday #kavita