मेरी हिम्मत, मेरी हसी, मेरा चेहरा देख पूछते है लोग अक्सर, में कौन हु, में क्या हु, में क्यू इतनी बेहया हु, में क्यों नहीं रह सकती सिमट कर, क्यू में मचलती हुई सी हवा हु, जो बिता इतने साल वो गठरी में बाँध कंधे पर डाल कर चलती हु, मत पूछो ये गठरी कितनी भारी है, क्योंकि मेरी लड़ाई अब भी जारी है, @mahi5508