दिल बड़ा ही ढीठ है सुने न कोई बात ये, न जोर दिल पे है कोई न दिल पे इख्तियार है। दिल किसी हसीन पर यूँ ही तो आता नहीं, जिसपे दिल फिदा हुआ उसीपे जाँ निसार है। दिल जवाँ, उमर जवाँ, जवाँ जवाँ उमंग है, ये दिल कसी हसीन के हुस्न का शिकार है। दिल मचल गया कभी दिल संभल गया कभी दिल है बेकरार कभी तो कभी क़रार है। दिल को कहने दीजिये दिल को सुनने दीजिये, दिल सदा सुनेगा दिल की दिल को ऐतबार है। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©Ripudaman Jha Pinaki #दिल❤