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प्रेम जब आता है, तो वो किसी एक का नही होता। न किस

प्रेम जब आता है, 
तो वो किसी एक का नही होता।
न किसी एक इंसान से होता हैं।
समूचे संसार में 
समूची सृष्टि
संपूर्णता लिए होता हैं।
एक वलय लिए होता हैं।
एक "आनंद" की अनुभूति लिए होता है।
जिसमे न तो कोई दुख होता है
न ही कोई सुख।
होता हैं तो केवल 
आनंद की अनुभूति...
एक सुकून सा मिलता है....
ऐसा लगता हैं कि सारे मेरे है,
 सबका मैं हूं।
प्रकृति नाचती है, झूमती दिखाई देती हैं।

©Dharmendra K पार्ट 2

#candle
प्रेम जब आता है, 
तो वो किसी एक का नही होता।
न किसी एक इंसान से होता हैं।
समूचे संसार में 
समूची सृष्टि
संपूर्णता लिए होता हैं।
एक वलय लिए होता हैं।
एक "आनंद" की अनुभूति लिए होता है।
जिसमे न तो कोई दुख होता है
न ही कोई सुख।
होता हैं तो केवल 
आनंद की अनुभूति...
एक सुकून सा मिलता है....
ऐसा लगता हैं कि सारे मेरे है,
 सबका मैं हूं।
प्रकृति नाचती है, झूमती दिखाई देती हैं।

©Dharmendra K पार्ट 2

#candle
dharmendrahrishi8543

Dharmendra K

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