सिर्फ तुम मेरे छाया थे मेरी पनाह जहां सुरक्शित थी गुनगुनी धूप में ज़िंदगी के रंगों को अपने शब्दों में क़ैद करें लोगों के क्रिया कलाप फूल-पौधों, तितलियों, पंछियों के रंग-ढंग कामगारों के जोश और उमंग #गुनगुनीधूप