है फूलो की ख़ुशबू चुभन काँटों की ना होती क़ज़ा मौसमी बातों की तुम्हारी तरह हम भी ख़ुश होते गर ना होती फ़िकर चांदनी रातों की है यूँ तो अकेला यहां हर बशर रवायत सी है दुनिया मे नातों की जो गुल से बहलते हैं वो और हैं इन आंखों से यारी है बरसातों की चले आओ बस ये ही चाहत बची ज़रूरत बहुत है मुलाक़ातों की #YQdidi #अंजलिउवाच #खुशबू #बशर #मौसमीबातेँ #मुलाकात #रात