ख्वाहिशों का समंदर समंदर ना ही सही कुछ बूंद पानी की सूखी जमीन पर पड़ते हरियाली महक जाती है,,,,,,, खुद की ख्वाहिशें भले अधूरी रह गई हो दूसरों की ख्वाहिश पूरी हो तो एक सुकून सा मिल जाता है,,,,,, खुद का दिल टूट गया हो भले दूसरों के दिल मिलते ही एक अजब सी खुशी मिल जाती है,,,,,,,,,,