जिसने मेरा अन्तर्मन पढ़ लिया।। जिसने अभी अभी मेरे तन को छूते हुए मेरे मन को स्पर्श किया।। ठंडी फाहें जैसी, कोमल आनंदित हवा,,, हवा जिसने मुझे अभी अभी जगा दिया.... एक भ्रम से..कह गई कि तुम्हारा होना अभी एक सपना था। हवा...जिसने मेरा अंतर्मन शायद पढ़ लिया।।। सब कैसे जान लेती है ये हवा