माना कि थोडी न समझ हूँ मै, पर तुझे समझना चाहती हूँ। थोड़ी सी पागल भी हूँ मै, पर तेरा पागलपन बनना चाहती हूँ। थोड़ा रोती भी हूँ मै, पर तेरी मुस्कान बनना चाहती हूँ। थोड़ा गुस्सा भी होती हूँ मै, पर तेरा प्यार बनना चाहती हूँ। थोडे ख्वाब भी आंखो मे रखती हूँ मै, पर तेरी ख्वाहिश बनना चाहती हूँ। हां बस थोड़ा मौत से डरती हूँ मै, क्योंकि तेरी जिन्दगी बनना चाहती हूँ। Chanchal Gangwar the voice of heart