आखिर कब तक मेरे इज़हार को नकारती रहेगी, आखिर कब तक मेरे प्यार को सँवारती रहेगी, तेरी आहट से मेरी शुरू होती हैं दिन की दास्तान, जब तु खुश रहती हैं तब मेरी सूरत में आती हैं मुस्कान, जब तु दुखी होती हैं तब ऐैसा लगता हैं कि पूरी दुनिया बन गया हैं शमशान, ज़िन्दगी में तेरा साथ पाना मेरे लिए एक वरदान हैं, कभी मुझे छोड़कर मत जाना मेरी दिलरुबा, क्योंकि तु ही हैं मेरी जान और तु ही हैं मेरी महबूबा, क्योंकि तु ही हैं मेरी जान और तु ही हैं मेरी महबूबा। #मेरीपहलीकविता आशा करता हूँ आप सब को मेरी कविता पढ़कर अच्छी लगी हो। 😊🙏🏻