केवल अब चार दिन का शोर काफी नहीं है मोमबत्तियां जलाना और धरना प्रदर्शन ही काफी नहीं है टीवी पर विवेक बांटना ही काफी नहीं है कानूनों के नियमों में कुछ बदलाव करवा दो ऐसे गुनहगारों को चौराहे पर टंगवा दो और जनता के सामने ही तड़पा तड़पा कर फांसी दो टेलीविजन पर भी इसे दुनिया में दिखलाने दो जिसे देखकर फिर कोई अपराधी ना पैदा हो और फिर किसी बहन बेटी की इज्जत का ना सौदा हो। सजा के कानून में बदलाव करवा दो