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कितने बरस बीते हर बरस नया हुआ फिर पुराना हो गया

कितने बरस बीते 
हर बरस नया हुआ 
फिर पुराना हो गया 
रोज़ रात हुई 
दिन निकला
रोज कुछ बदला
और एक नई 
सुबह के साथ 
शुरुवात में 
दिन के साथ बीती ज़िंदगी
और रात के साथ सोई
इन रात दिन के चक्र में लो
आज फिर नया साल आ गया 
जो इन सभी चक्र में पड़ कर 
पुराना हो जायेगा...

©Swati kashyap #newyear✍️💕#स्वरचित
कितने बरस बीते 
हर बरस नया हुआ 
फिर पुराना हो गया 
रोज़ रात हुई 
दिन निकला
रोज कुछ बदला
और एक नई 
सुबह के साथ 
शुरुवात में 
दिन के साथ बीती ज़िंदगी
और रात के साथ सोई
इन रात दिन के चक्र में लो
आज फिर नया साल आ गया 
जो इन सभी चक्र में पड़ कर 
पुराना हो जायेगा...

©Swati kashyap #newyear✍️💕#स्वरचित