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वक़्त की इस दौड़ में मैं खड़ा दहलीज़ पर सोचता और ढूं

वक़्त की इस दौड़ में 
मैं खड़ा दहलीज़ पर 
सोचता और ढूंढता 
मैं सही या वो सही 
कश्मकश विवेक की 
इस कदर है बढ़ी 
ज्ञानचक्षु संवेदनाएं 
सब कहीं नीरस पड़ी
दिल की हलचल इस विवेक पर
जब कभी भारी पड़ी 
संवेदनाएं रूप बदल
जिह्वा संग फिर लड़ी
वक़्त की इस दौड़ में 
मैं खड़ा दहलीज़ पर 
सोचता और ढूंढता 
मैं सही या वो सही

😊 रतनेश पाठक ☺ #nojoto #nojiotoHindi #poetry #quote #कशमकश
वक़्त की इस दौड़ में 
मैं खड़ा दहलीज़ पर 
सोचता और ढूंढता 
मैं सही या वो सही 
कश्मकश विवेक की 
इस कदर है बढ़ी 
ज्ञानचक्षु संवेदनाएं 
सब कहीं नीरस पड़ी
दिल की हलचल इस विवेक पर
जब कभी भारी पड़ी 
संवेदनाएं रूप बदल
जिह्वा संग फिर लड़ी
वक़्त की इस दौड़ में 
मैं खड़ा दहलीज़ पर 
सोचता और ढूंढता 
मैं सही या वो सही

😊 रतनेश पाठक ☺ #nojoto #nojiotoHindi #poetry #quote #कशमकश