"राखी का त्यौहार" आया है राखी का त्यौहार। सावन में है त्योहारों की बहार।। यह रेशम के धागों का त्यौहार। बढ़ाए भाई- बहन का प्यार।। बहन बहुभांति फल और मिष्ठान लाएं। भाई खा- खा कर ले रहे डकार।। भाई राखी बंधवा कर रक्षा की लेता प्रण। यथा सामर्थ देता बहनों को उपहार।। सदा करें बहनों का ऐसे सत्कार। जैसेकिया हुमायूं ने कर्मवती को स्वीकार।। व्यथित हुआ है अपना मन। अब तक में पहली बार।। कुछ मिले, कुछ दूर रहे, कुछ मिलने से डर रहे। जैसे-जैसे बढ़ रहा है करोना का प्रहार।। बातें -मुलाकातें मोबाइल से, डिजिटल राखी बधवाएं। नित नए नियम बनाए, अपनी ये सरकार।। ऐसे में "राही"को राखी बांध, बनाए अपना भाई। रेशम के एक छोटे धागे से उसे दें रक्षा का अधिकार।। सुखेन्द्र उर्फ "राही".....🖋️ "राखी का त्यौहार "