खुद को स्पेशल फील करना हो तो जरा उठ कर तो देखो प्रातः काल की बेला में,,,, सूरज निकला हो हमारे लिए,,,सूरज की पिली धूप की किरण छू रही हमारे चेहरे को,,,,, पंछियों का चहचहाना,,,जैसे हमें सुना रहे हैं अपने बातों का कोई तराना,,,, अंधेरे को चीर के निकलती ब्रह्म मुहूर्त की पहली किरण,,, हल्की सी सुबह एक जादुई एहसास दिलाती है,,,, रग रग में कुछ तो अजब घुल जाता है