क्या लिखूं??? कुछ दूर लिखूं कुछ पास लिखूं कुछ अपनों का अहसास लिखूं यादों के काले साए में मै इस दिल की फरियाद लिखूं में क्या लिखूं में।। वो पतझड़ के वीराने में, गुमसुम बसंत की बहार लिखूं सावन के काले बादल में बहकाती शीत वयार लिखूं में क्या लिखूं में।। खिलते फूलों की खुशबू से बहके भवरों की चाल लिखूं कांटों की हिफाजत में रहकर महके गुलाब का हाल लिखूं क्या लिखूं में।। इंतजार में कटती जो में उन रातों की बात लिखूं या आने कि तेरी आहत से बड़ती दिल की रफ्तार लिखूं क्या लिखूं में।। लफ़्ज़ों की कातिल खामोशी में छुपे दर्द का हाल लिखूं अधरों पर खिलती मुस्कानों में इस दिल का इजहार लिखूं में क्या लिखूं में।। कुछ लम्हे तेरे साथ लिखूं कुछ बेगैरत जज्बात लिखूं यूं बेगैरत जज्बातों में में कल का बीता हाल लिखूं क्या लिखूं में।। क्या लिखूं??? कुछ दूर लिखूं कुछ पास लिखूं कुछ अपनों का अहसास लिखूं यादों के काले साए में मै इस दिल की फरियाद लिखूं में क्या लिखूं में।।