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पास आकर भी देखा, दूर जा कर भी देखा, एक बार तो उसे

पास आकर भी देखा, दूर जा कर भी देखा,
एक बार तो उसे ,सीने से लगा कर भी देखा!

दिखा मुझे अक्स उसकी आंखों में किसी गैर का
फिर मैंने आंखों से आंखों मिला कर भी देखा!

 रहता था उसके लबों पर अक्सर नाम मेरे रकीब का
फिर मैंने लबों से लबों को मिलाकर भी देखा!

 सुर्ख गालों को देखता था हर बार वो शक्स करीब से
मगर कभी मेरी आंखों में समंदर नहीं देखा !
 
शामिल हो गई मैं रूह में उसके धीरे धीरे
मगर उसने मुझे कभी खुद के अंदर नहीं देखा ! ग़ज़ल
#nojotopoem#nojotohindi#nojotolove#lovewalifeelings#nojotoapp
पास आकर भी देखा, दूर जा कर भी देखा,
एक बार तो उसे ,सीने से लगा कर भी देखा!

दिखा मुझे अक्स उसकी आंखों में किसी गैर का
फिर मैंने आंखों से आंखों मिला कर भी देखा!

 रहता था उसके लबों पर अक्सर नाम मेरे रकीब का
फिर मैंने लबों से लबों को मिलाकर भी देखा!

 सुर्ख गालों को देखता था हर बार वो शक्स करीब से
मगर कभी मेरी आंखों में समंदर नहीं देखा !
 
शामिल हो गई मैं रूह में उसके धीरे धीरे
मगर उसने मुझे कभी खुद के अंदर नहीं देखा ! ग़ज़ल
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