तबाह होके भी ज़िन्दगी गुजारी जा रही है जिंदगी में अभी भी मोहब्बत सवारी जा रही है यह बेकरारी क्यू लिपट रही है मुझसे इस कदर वो नही है तो उसकी जुदाई हमे मारी जा रही है पेड़ क्यू सुख रहे है इस सावन के मौसम में वो क्या पानी देने आ रही है डूबते से पूछ किनारे की अहमियत तू बेवफ़ाई करके डूबने जा रही है फूल बिछा देना , तारे सजा देना उस राह में जिसमें उसकी डोली और मेरी अर्थी जा रही है #आदि✍️ #shayari #aadi❤️