प्रेम बिरह की अग्नि में अब हमने जलना सीख लिया खुद को खोकर अब हमने सबकुछ पाना सीख लिया जीवन की इस तेज़ धार पर हमने चलना सीख लिया प्रेम बिरह की अग्नि में अब हमने जलना सीख लिया तुम क्या जानो विरह वेदना तुम तो बड़े सयाने हो पल में लगते अपने हो पल में लगते बेगाने हो #लफ़्ज Akshita Jangid(poetess) नयनसी परमार