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कितना कुछ अनकहा रह गया, मैं जहां था वहीं रह गया! छ

कितना कुछ अनकहा रह गया,
मैं जहां था वहीं रह गया!
छोड़ दे उम्मीद उसके लौट आने की,
मेरे इंतज़ार का आखरी दीया बुझते बुझते मुझसे कह गया!
कोई और होता तेरी जगह तो ना होता दिल ज़ख्मी,
तेरी खुशी के लिए ही हर धोखा मैं सह गया!
महफ़िल में तो सबको लग रहा था खुश मैं,
जब खुद को देखा आईने में तो आंख से आंसू बह गया!
यूं तो कई भूचाल सहे थे मैने ज़िंदगी में,
तूने गले क्या लगाया मैं एक पल में ढय गया!
So much remained untold, 
I stayed where I was! 
Leave the hope of her return, 
When it was about to extinguished, The last lamp of my wait said to me! 
If someone else would have been in your place, 
the heart would not have been hurt, 
For your happiness, 
I have endured every deception! 
Everyone in the gathering thought I'm happy, 
When I saw myself in the mirror, tears flowed from my eyes. 
Although, I had suffered many earthquakes in my life, 
What did you hug, I collapsed in an instant!

©Kanwalpreet Singh कितना कुछ अनकहा रह गया,
मैं जहां था वहीं रह गया!
छोड़ दे उम्मीद उसके लौट आने की,
मेरे इंतज़ार का आखरी दीया बुझते बुझते मुझसे कह गया!
कोई और होता तेरी जगह तो ना होता दिल ज़ख्मी,
तेरी खुशी के लिए ही हर धोखा मैं सह गया!
महफ़िल में तो सबको लग रहा था खुश मैं,
जब खुद को देखा आईने में तो आंख से आंसू बह गया!

कितना कुछ अनकहा रह गया, मैं जहां था वहीं रह गया! छोड़ दे उम्मीद उसके लौट आने की, मेरे इंतज़ार का आखरी दीया बुझते बुझते मुझसे कह गया! कोई और होता तेरी जगह तो ना होता दिल ज़ख्मी, तेरी खुशी के लिए ही हर धोखा मैं सह गया! महफ़िल में तो सबको लग रहा था खुश मैं, जब खुद को देखा आईने में तो आंख से आंसू बह गया! #Secret #wait #HeartBreak #sacrifice #unsaid #kpspoetry #kpsquotes #kpsshayari

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