कितना कुछ अनकहा रह गया,
मैं जहां था वहीं रह गया!
छोड़ दे उम्मीद उसके लौट आने की,
मेरे इंतज़ार का आखरी दीया बुझते बुझते मुझसे कह गया!
कोई और होता तेरी जगह तो ना होता दिल ज़ख्मी,
तेरी खुशी के लिए ही हर धोखा मैं सह गया!
महफ़िल में तो सबको लग रहा था खुश मैं,
जब खुद को देखा आईने में तो आंख से आंसू बह गया! #Secret#wait#HeartBreak#sacrifice#unsaid#kpspoetry#kpsquotes#kpsshayari